यह कहानी अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपने जेठ जी के साथ एक ही बिस्तर पर लेटी हुई थी और सो गई थी.
गहरी नींद में मेरा हाथ उनके लंड पर चला गया था.
अब आगे प्रेगनेंसी सेक्स कहानी:
मैंने थोड़ी देर तक इस सबका बिल्कुल भी अहसास नहीं किया कि किसी और मर्द का लंड मेरे हाथ में है.
इसके बाद मैं अपने पति से जैसे कहती हूं, वैसे ही कहने लगी- बेटू, आप कब आ गए?
जेठ जी ने भी कह दिया- तुम सो जाओ बेटू.
मैं वैसे ही नींद में अहसास लिए जा रही थी.
अगले ही पल जेठ जी ने मेरी करवट बदल दी और मैंने भी अपने पति के होने का अहसास करते हुए करवट बदल ली.
जेठ जी ने अपने लंड को मेरे पीछे से मेरी चूत की फांक में रख दिया और अन्दर ठेल दिया.
मैंने चिकना चिकना सा टोपा अपनी चूत में अहसास किया.
तभी जेठ जी ने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ा और झटका दे दिया.
उस तेज झटके से उनका आधा लंड मेरी चूत के अन्दर सरक गया और मेरी नींद पूरी तरह खुल गई.
मैं तब भी नहीं समझ पाई थी कि मेरी चूत में लंड पेलने वाला कौन है.
मैंने धीरे से कराहते हुए कहा- आह बेटू दर्द हो रहा है, जरा थूक लगा लो न!
यह सुन कर जेठ जी ने थूक लगा कर लंड फिर से पेल दिया.
मैं ‘आह मम्मी …’ करके तड़पने लगीSex with jeth ji top and limited 2024.
वे- बस बेटा, बस हो गया.
यह आवाज सुनकर मैं घबरा गई और पलट कर देखने लगी.
ये तो भाईसाब हैं. पति का लंड इतना है ही नहीं.
मैं- भाईसाब आप ये सब मत करो, छोड़ दो.
वे- बेटा तुम्हीं ने हिला हिला कर खड़ा किया और तुमने ही बोला कि डालो इसको अन्दर, तभी तो मैंने अन्दर किया है!
बस यह कह कर जेठ जी झटके देने लगे.
उनके बड़े लंड से मस्ती चढ़ने लगी और मैं आह आह करती हुई कहने लगी- प्लीज मत करो … दर्द कर रहा है यार.
वे बोले- तो दर्द कौन सी नई बात है. अभी थोड़ा सा रुक जाओ, सब दर्द ठीक हो जाएगा.
मैं बोली- भाईसाब, आपके साथ में ये सब … अभी मेरे पति आ जाएंगे तो लफड़ा हो जाएगा.
वे बोले- उसको नहीं आना तीन दिन तक … तुम निश्चिंत रहो. मेरी उससे फोन पर बात हुई है.
अब वे मेरी चूत में ताबड़तोड़ झटके देने लगे और मैं आह आह आया ईई एई ऊऊ कर रही थी.
मैं- आह भाई साब आपका कितना बड़ा है … आह मुझे बहुत लग रहा है अन्दर तक!
वे- अरे बेटा, ज्यादा बड़ा नहीं है.
मैं बोली- भाई साब मुझे दिखाओ.
वे बोले- पहले तो तुम भाई साब कहना बंद कर दो.
मैंने कहा- ठीक है.
वे मुझे चोदने लगे.
मैं- आह आह ई बस उ ऊऊ एई बस करो प्लीज यार … यह तो बताओ कि मैं क्या कहूं?
वे- तुम मुझे अपने पति की भांति कह सकती हो.
मैं- ओके जानू बस करो … आह अब दिखा भी दो यार!
वे बोले- चलो टॉइलेट में चलते हैं.Sex with jeth ji top and limited 2024
मैंने उठ कर लाइट ऑन कर दी और उनका लंड देखा तो गांड फट गई.
‘बाप रे जानू … आपका कितना बड़ा और मोटा है!’
वे बोले- चलो चलो उधर चलते हैं. अपने सारे कपड़े उतार दो.
मैंने मैक्सी उतार दी.
ब्रा पहले से ही नहीं पहनी थी और पैंटी गीली हो जाने की वजह से उतार दी थी.
अब जेठ जी और मैं हम दोनों बाथरूम में आ गए.
गर्मी के कारण नहाने का जी कर रहा था तो जेठ जी ने शॉवर चालू कर दिया.
‘अरे जानू मेरे बाल भीग जाएंगे!’
वे- ठीक है, बाल नहीं भीगने दूँगा.
उसके बाद जेठ जी शैंपू लेकर मेरे बदन पर लगाने लगे.
उनके हाथ मेरे दूध मसल रहे थे.
यह अहसास कुछ अलग ही था.
मेरे चूचे पहली बार जेठ जी के हाथों से मसले जा रहे थे.
वे मेरे पूरे बदन में शैंपू लगा कर रुक गए.
फिर बोले- लो देखो लंड.
‘हां जानू मस्त है.’
वे- चूसना चाहोगी?
मैं- नहीं बाबा, मैं नहीं चूस सकती!
वे- क्यों, कभी चूसा नहीं क्या?
मैंने झूठ बोल दिया कि नहीं चूसा.
वे बोले- अच्छा चलो लंड पर शैंपू लगा दो.
मैं उनके लंड पर शैंपू लगाने लगी और फैन को पानी से साफ करने लगी.
धीरे धीरे मैंने जेठ जी के पूरे बदन पर शैंपू रगड़ दिया और पानी से साफ करने लगी.
मैंने उनको पूरी तरह से साफ कर दिया. फिर जेठ जी ने मेरी चूत को साफ कर दिया.
उसके बाद बाहर आकर तौलिया से पानी पौंछते हुए जेठ जी ने मुझे वापस बेड पर धकेल दिया और मेरे ऊपर बैठ गए.
वे मेरी चूत पर मुँह रख कर जीभ से चाटने लगे.
उनका भारी भरकम लंड मेरे मुँह के बाजू में था. उसकी सुगंध मुझे कामुक कर रही थी.
जेठ जी ने आखिरकार मेरा मुँह खुलवा ही दिया और मेरे मुँह में लंड डाल ही दिया.
वे कहने लगे- मजे लेकर चूसो.
मैं भी लाज शर्म छोड़ कर उनके लंड के झटके लेने लगी.
दूसरी तरफ वे मेरी चूत को खाने में लगे थे.
कुछ देर तक 69 का सुख लेने के बाद मैंने उनको सही से लेटने के लिए कहा.
वे भी चूत चुसाई का मजा अच्छे से लेना चाहते थे.
वे कहने लगे- अच्छे से लंड चूसो मेरी जान!
मैं तो वैसे भी लंड चूसने की शौकीन हूँ. अब मैं उनके लंड को जीभ से चाटने लगी और पूरा लंड चाट चाट कर गीला कर दिया.
मैं जेठ जी का पूरा लंड अपने गले तक लेने लगी थी.
वे मेरे सर को पकड़ कर लंड पर दबाने लगे थे और मैं भी जेठ जी के पूरे लंड को मस्ती से अन्दर ले रही थी.
अपने गले गले तक लंड का अहसास करती हुई मेरी आंखों से आँसू निकल रहे थे और मुँह से लार ही लार लंड पर गिरने लगी थी.
मैं उनकी जांघों पर दोनों हाथों से थपथपाने लगी थी.
बड़ी मुश्किल के बाद जेठ जी ने मुझे छोड़ा.
उनका पूरा लंड चिकना हो गया था.
मैं अपने थूक भरे मुँह को एक रूमाल से साफ करने लगी.
वे बोले- चलो अब जल्दी से लंड पर आ जाओ.
मैं चढ़ गई.
वे मेरी चूत को अपने लंड पर रखवा कर जोर देने लगे, मेरे पिछवाड़े को पकड़ कर मुझे नीचे को बिठाने लगे.
उनके लंड पर ढेर सारा थूक होने की वजह से उनका लंड मेरी चूत की दरार को फाड़ते हुए अन्दर जाने लगा.
उनका लंड बहुत बड़ा था. मैं पूरा बैठने को राजी नहीं हो रही थी.
वे मुझे पकड़ कर खुद ऊपर को उठ गए उस वजह से उनका पूरा लंड अन्दर चला गया और मैं उनके लौड़े के ऊपर बैठ गई.
मेरी आह निकल गई थी. पहले की अपेक्षा इस बार लंड चूत की जड़ तक चला गया था.
उनके पेट पर मेरे हाथ थे और उनका पेट मस्त उठ बैठ रहा था.
मैं यदि उस पर लेट जाती तो मुझे गद्दे का मजा मिल सकता था.
अब वे मुझे हिलने को कहने लगे थे.Sex with jeth ji top and limited 2024
मैं उनके लंड पर बैठ कर अपने चूतड़ों को हिलाने लगी.
उनके हाथ मेरे चूतड़ों और पट्ट पट्ट पड़ने लगे.
वे तबला सा बजा रहे थे.
मैं- अरे यार जानू मत मारो … लाल कर दोगे क्या!
मगर जेठ जी नहीं मान रहे थे.
मैंने उनके हाथ पकड़ लिए.
वे मेरी चूत की माँ चोदने में लगे थे.
और मेरे स्तनों का कुछ पूछो ही मत.
जेठ जी ने इतने ज्यादा चूस डाले थे कि ढीले कर दिए थे.
निप्पलों को तो वे पागलों के जैसे काटने लगे थे.
मैं अपने हाथों से जबरदस्ती अपने दूध छुड़वा रही थी.
वे स्तनों पर चमाट मार रहे थे.
मैं भी इस सब का बदला लेना चाहती थी.
मैंने हाथों में थूक लगाया और उनके पेट पर पट्ट पट्ट मारने लगी.
यह देख कर वे कहने लगे- अरे बेबी, पागल हो गई क्या?
मैं- मुझे दर्द हो रहा है. अपने हाथ चलाना रोको. वरना मैं भी आपकी मां चोद दूँगी.
वे- अरे बेबी सॉरी.
कुछ देर बाद झकास चुदाई होने लगी.
अब जेठ जी को कुछ याद आया और वे बोले- कॉन्डोम है क्या?
मैंने कहा- नहीं है.
वे बोले- अरे मेरा छोटू यूज़ नहीं करता क्या?
मैं- नहीं. कंडोम अभी खत्म हो गए हैं … आपका छोटू अभी लाया नहीं. ऐसा करना … आप स्पर्म बाहर निकाल देना.
वे- नहीं, मैं तो तेरे मुँह में डालूँगा.
मैंने कहा- अच्छा आप अन्दर ही कर देना. मैं गोली खा लूँगी.
वे बोले- ओके ठीक है.
मैं- कब तक निकालना है?
वे- अभी तो बहुत टाइम है.
मैं- क्यों … अब कितना और टाइम लगेगा यार?
वे- क्यों, कभी इतनी लंबी नहीं चुदी क्या?
“नहीं जानू, आज आपने बहुत ज्यादा चोद दिया है … अब आराम करना है.”
वे- अभी नहीं, अभी रुको … मुझे टाइम लगेगा.
मैंने कहा- अच्छा पोजीशन बदल लो.
यह सुनकर जेठ जी ने मुझे अपने बाजू में लिटाया और पैर को उठा लंड पेल दिया.
वे मेरे गालों पर किस करने लगे थे.
उनका पेट मेरे स्लिम पेट को रगड़ रहा था.
कुछ देर बाद जेठ जी जोर जोर के झटके मारने लगे.
मैं आह उम्म्म करने लगी.
मेरी आवाज उनके किस में ही दब कर रह गई.
वे मेरे एक हाथ को हाथ से पकड़े हुए थे और पैर को पैर से पकड़े हुए चोद रहे थे.
कुछ देर बाद जेठ जी ने अपना मुँह मेरे एक दूध पर रख दिया और दूध खींचते हुए चूत चोदने लगे.
करीब दस मिनट बाद उन्होंने मुझे चित लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए.
उन्होंने अपने लौड़े में ढेर सारा थूक लगाया और चूत में पेल दिया.
वे मेरे ऊपर पूरे चढ़ गए थे. उनके भारी शरीर को मैं न जाने कैसे सहन कर रही थी.
कुछ देर बाद मैंने कहा- जानू, आपका पूरा वजन मेरे ऊपर है.
वह कुछ नहीं बोले और सटासट झटके देने लगे.
करीब 7-8 मिनट बाद जेठ जी चरम पर आ गए.
मुझे यह बताते हुए कि ‘मैं झड़ने वाला हूँ’, उन्होंने अपनी स्पीड एकदम से बढ़ा दी.
मैं- आह … और तेज करो जानू.
वे मेरे मम्मों के ऊपर पूरे लेट गए और अपने जिस्म को मेरे जिस्म से रगड़ने लगे थे.
मैं- आह मम्मी री मर गई आज तो!
वे झड़ने लगे.
मैं भी मस्त हो गई और आराम से उनकी पीठ को सहलाती हुई अपना हाथ फेरने लगी.
झड़ जाने के बाद भी जेठ जी मेरे ऊपर से नहीं उठे.
कुछ देर बाद मैंने कहा- जानू, अब उठ जाओ.
तो वे खिसक कर बाजू में लेट गए.
मैं उन्हें किस करके कहने लगी- जानू अब सो जाओ.
मैंने उनके ऊपर हाथ रख लिया सो गई.
जबरदस्त चुदाई की थकान थी, तो करीब 7 बजे नींद खुली.
मैंने उनका लंड चूस कर खड़ा कर दिया और फिर से चुदाई करवाने के लिए उनके लौड़े की सवारी करने लगी.
एक घंटा तक मैं जमकर चुदाई के मजे लेती रही और उनके वीर्य को अपनी चूत के अन्दर ही डलवा कर लंबी लंबी सांसें लेने लगी.
जेठ जी फ्रेश होने चले गए.
मैं उस वक्त अपने पैरों को ऊपर करके लेटी रही.
दोस्तो, इस तरह से हम दोनों जेठ बहू का रिश्ता, जानू और बाबू का प्यार बन गया था.
पति को 3 दिन बाद आना था.
उन तीन दिनों में हम दोनों ने सारे सारे दिन जमकर मजा लिया.
अगले तीन दिनों की घटना मैं आपको अगले भाग में लिखूँगी.
इस प्रेगनेंसी सेक्स कहानी में मैं अपनी सच्ची घटना को बयान कर रही हूँ क्योंकि जेठ जी से चुदवाने के बाद मैंने दवा नहीं ली थी, जिस वजह से आज मैं तीन महीने की प्रेग्नेंट हूँ.
मेरी कोख में यह बच्चा जेठ जी के प्रेम की निशानी है.
मेरे पास मेरे जेठ जी के लंड की फ़ोटो और उनके लंड का उत्पादन आज भी मेरे पेट में कैद है.
मैं आज भी उनसे फोन पर बात कर लेती हूं.
दोस्तो, जिसने मुझे माँ बनने का सौभाग्य दिया, भला मैं उसे कैसे भूल सकती हूं.
मैंने अपने जेठ जी से दिल से प्यार किया और शायद यह प्यार कभी नहीं भूल सकती.
दोस्तो, आप सभी से अनुरोध है कि प्रेगनेंसी सेक्स कहानी पर गलत कमेंट ना करें … नहीं तो शायद यह मेरी आखिरी सेक्स स्टोरी होगी.
यदि आप अच्छे कमेंट करते हैं और मेरा दिल जीत लेते हैं तो शायद आपको भी रियल में मेरा बदन देखने का मौका मिल सकता है या फिर वीडियो कॉल पर मैं आपके लंड के साथ खेल सकती हूँ.
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