.मोसा के साथ जवानी के मजे

chlo aapko baati hu mosa ji ne kse mere jism ke mje liye


मेरा नाम Rani है, मेरी उम्र 19 साल की है।

यह वर्जिन देसी गर्ल सेक्स कहानी तब की है जब मैं 12वीं के एग्जाम दे चुकी थी। तो आगे की पढ़ाई मैं मौसी के यहां से कर रही थी।
उनके घर में मौसा जी, उनकी 2 लड़कियां, एक लड़का, मौसी के ससुर,
मौसी और मैं रहती थी।

तो मेरा दिल मौसी के लड़के पर आ गया था।
हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे।

यह बात मौसा जी को पता चल गई।

मैं अपने मौसा जी के बारे में बता दूँ तो वे एक नंबर के ठरकी इंसान थे।
उनकी 2-3 गर्लफ्रेंड भी थी।
उन सबका मौसी को भी पता था।

मौसा जी को मेरी और उनके बेटे की यारी का पता चल गया तो वे मुझसे कहने लगे- मैं तेरी मौसी को बोल दूँ कि तू ये सब कर रही है?
तो मैं रोने लगी और मना करने लगी- मौसा जी, मौसी से कुछ मत कहना।

तब उन्होंने अपना ठरकीपना दिखाया और कहा- मैं तुझसे प्यार करता हूं।
मैंने कहा- ये क्या बोल रहे हो आप?
तो वे बोले- सच बोल रहा हूं।

फिर मैं वहाँ से दूसरे कमरे में आ गई।

फिर जब रात को मैं सो रही थी तो मौसा जी मेरे बगल में आकर मुझसे चिपक गए.

मैं थोड़ा डर गई थी, फिर भी चुपचाप लेटी रही।
सेक्स की जरूरत तो मुझे भी थी.

फिर उन्होंने मेरे बूब्स पर हाथ रख दिया और हाथ फेरने लगे।
मुझे अजीब लग रहा था पर मजा भी आ रहा था।

फिर उन्होंने मेरी टीशर्ट में हाथ डाल दिया और बूब्स मसलना शुरु कर दिया।
उन्होंने मेरी टी शर्ट ऊपर कर दी और मेरे बूब्स को चाटने लगे और दबाने लगे।

मुझे थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा।

फिर उन्होंने मेरे लोअर में हाथ डाल दिया और मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया.
तो मुझे और मजा आने लगा।

उन्होंने मेरा लोअर उतार दिया और चूत चाटने लगे थे।
मुझे मजा आ रहा था और मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
मैं चाह रही थी कि पूरी नंगी होकर मौसा जी से लिपट जून और उनका लंड पकड़ लूं.
पर फिर भी मैं चुपचाप लेटी रही।

फिर उन्होंने अपना लन्ड निकाला और मेरी चूत पर रगड़ने लगे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था।

मैंने इससे पहले कभी सेक्स नहीं किया था।
पहली बार मुझे किसी का लन्ड मिलने वाला था।

फिर मौसा जी ने लन्ड को चूत पर सेट किया और एक झटका मारा.
इससे उनके लन्ड का आगे का हिस्सा अंदर चला गया.
उससे मेरी बुर में बहुत दर्द हुआ और रोने लगी.

तभी मौसा जी ने मेरे होठों को अपने होठों से बंद कर लिया और मुझे चूमने लग गये।

और तभी लन्ड में एक और धक्का मारा जिससे उनका आधा लन्ड मेरी नाजुक चूत में घुस गया.
मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे थे।

मौसा जी मुझे लगातार चूम रहे थे।

फिर मौसा जी ने एक और जोरदार धक्का लगाया जिससे पूरा लन्ड मेरी चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया.
मेरी तो जैसे जान निकल गयी.
मौसा जी के लंड से मेरी चूत में जैसे भाला घुस गया हो.
मेरी चूत फट गयी थी.

तब मैं खुद को मौसा जी से छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी, मैं फड़फड़ा रही थी, पैरों को इधर उधर मार रही थी।

फिर मौसा जो रुक गए. उनका लन्ड मेरे जिस्म के अंदर ही घुसा रहा.

जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैं कुछ शांत हुई और मौसा जी को पता चल गया.
तो वे लन्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लग गए।

अब मुझे कुछ कुछ मजा आने लगा था।

मेरी चूत से खून निकल रहा था।
वे मुझे फिर भी चोदते रहे।

मौसा जी ने मेरी चूत को चोद चोद के भोसड़ा बना दिया।

मैं 2 बार झड़ चुकी थी पर मौसा जी एक भी बार नहीं झड़े … वे मुझे चोदते रहे।
तब तक मैं तीसरी बार झड़ने वाली थी।

तभी मौसा जी बोले- जानू मुंह खोल … लंड का अमृत पिलाऊं तुझे!

मैंने अपना मुंह खोल दिया और उन्होंने मेरे मुंह में अपने लंड का सारा पानी निकाल दिया।

और मैं स्वाद से सारा माल गटक गई।

उस रात मौसा जी ने मुझे एक बार और चोदा।

और उसके बाद मैं उनके यहां 2 साल रही थी।
तो वे मुझे जब मन करता, तब चोद लेते थे।
मुझे भी बहुत मजा आता था.
मैं तो चाहती थी कि मौसा जी मुझे सुबह शाम हर दिन चोदें.

उसके कुछ टाइम बाद मौसी को पता चल गया कि मौसा जी मुझे चोद रहे हैं.
फिर उसके बाद क्या हुआ

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